मन के पाँच विभाग (five departments of mind )

मन के पाँच प्रकार इस प्रकार है की हमार मन अलग अलग प्रकार से हमारे सरीर मे कार्य करता है वैदिक शस्त्रों के अनुसार जो की संसार का सबसे प्रामाणिक ग्रंथ है यदि उसकी माने तो ये तत्त्व जिससे की मन बना है वो सूक्ष्म रूप से पूरे ब्रम्हांड  मे फैला है और हमारे सरीर मे भी लेकिन ये अलग अलग रहकर कार्य करता है और हमारे शरीर के विभिन्न भागों को नियंत्रित करता है जो की इस प्रकार है की सर्वप्रथम ये जो हमारे पाँच ज्ञान इंद्रिय को नियंत्रित करता है जो की आँख , नाक , जीभ , कान, त्वचा है इन पांचों इंदिरीओ से हम ज्ञान लेते है ये भी मन के द्वारा नियंत्रित होता है इसके नियंत्रण करने वाला  जो मन होता है वो हमारे हर्दय मे होता है जिसको यजुर्वेद मे दैव मन कहते है इसकी पूरी जानकारी यजुर्वेद के ज्ञान पर आधारित है और दैव मन वही से नियंतान करता है , दूसरा विभाग हमारा यक्ष मन है जो की ह्रदय से ही काम करता है ये हमारे पांचों करमाइंद्रियों को नियंत्रित करता है जो की इस प्रकार है मुह, हाथ , पैर , गुदा , तथा उपस्थ , इन पांचों को नियंत्रित जो करता है उसे यक्ष मन कहते है आगे इस आत्मा का प्रधानमंत्री भी कहा गया है क्युकी आत्मा बैठ बैठ बस माँगता रहता है ये लाकर देता है तो ये दोनों मन के विभाग आत्मा का प्रधान मंत्री ही है , अगला भाग जो है वो है बुद्धि , जो की किसी चीज के निर्धारण करने के लिए हमलोग इस्तेमाल करते है और किसी वस्तु का निर्धारण हम करते है वो है हमारा बुद्धि या फिर जो हमलोग किसी चीज का ज्ञान लेते है तो जो सामने मे सँजो कर के रखता है वो है हमारा बुद्धि ये हमारे मन का तीसरा विभाग है और छुतहा विभाग मित्रों अवचेतन मन जोकी हमारे मन का चौथा विभाग है ये हमारे संस्कारों को दबा कर कर रखता है यानि की ये ज्ञान हमरे अंदर दबा राहत है सामने नहीं आता मित्रों जैसे की कोई गलत आदत हम भूलने की कोसिस करते है हम भूल नहीं पाते तो इसिस के कारण मित्रों यही कारण है की हम उस चीज को भूल नही पाते और कभी कभी जो हम सपने देखते है मित्रों तो इसी चीज के कारण यही हमें सपने दिखाता है और चीजों को दबा कर के रखता है कभी कभी न चाहते हुए जो हमारे मन मे गंदे सपने आते है इसिके वजह से मित्रों हमारे अवचेतन मन के वजह से , और  पंचवा विभाग जो है मित्रों वो है हमारा धृति मन ये और भी ज्यादा सूक्ष्म अवस्था मे हमारे मन मे रहता है और कार्य इसका बिल्कुल नहीं दिखता इस प्रकार की मित्रों कभी कभी हम बहुत ही निश्चय करके सोते है की कल इतना बजे जग जाऊंगा और हम जग जाते है बिना अलार्म के मित्रों तो ये वही मन होता है या फिर कभी कभी हम किसी समस्या का हाल चाहते है और नहीं मिलता और हम सो कर उठते है और हमे हाल मिल चुका होता है तो ये वही यही मित्रों सोने पे भी काम कर रहा था , इसके विस्तृत विवरण के लिए इस वीडियो को देखें मित्रों जो हमने आपके लिए बनाई है 

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